भोपाल . स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का चीफ 24 घंटे से पहले ही राज्य सरकार ने बदल दिया। यह जिम्मा अब सख्त छवि वाले एटीएस के एडीजी संजीव शमी को दिया गया है। इसके साथ ही टीम में भी बदलाव हुआ है। सोमवार को बनी एसआईटी का चीफ आईजी डी. श्रीनिवास वर्मा को बनाया गया था, लेकिन मंगलवार की दोपहर वर्मा को हटाकर शमी को नया चीफ बनाए जाने के आदेश जारी हो गए।
इस बदलाव के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि आईजी वर्मा ने ही इच्छा जाहिर की थी कि उन्हें इस जिम्मेदारी से दूर रखा जाए। हालांकि वर्मा ने इस संबंध में ज्यादा कुछ कहने से मना करते हुए सिर्फ इतना कहा कि न मैंने एसआईटी प्रमुख बनने के लिए आवेदन किया था और न ही हटने के लिए। बहरहाल, एसआईटी कथित तौर पर राजनेताओं, मंत्रियों के साथ प्रभावशाली आईएएस व आईपीएस अफसरों के आपत्तिजनक वीडियो और ब्लैकमेलिंग की पड़ताल करेगी।
डी श्रीनिवास की टीम में थे
2014 बैच के आईपीएस विकास सहवाल, कमाडेंट 25वीं बटालियन मनोज कुमार सिंह, एसपी सायबर इंदौर जितेंद्र सिंह व थाना प्रभारी पलासिया शशिकांत चौरसिया को शामिल किया गया था। कमाडेंट मनोज सिंह और एसपी सायबर सेल इंदौर जितेंद्र सिंह राज्य पुलिस सेवा के अफसर हैं। - एडीजी शमी की टीम में अब ये शामिल
एडीजी संजीव शमी, इंदौर एसएसपी रूचि वर्धन मिश्र, आईपीएस विकास सहवाल, एसपी सायबर सेल इंदौर जितेंद्र सिंह, एएसपी क्राइम ब्रांच अमरेंद्र सिंह, सीआईडी इंस्पेक्टर नीता चौबे, इंस्पेक्टर मनोज शर्मा और पलासिया थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया के नाम शामिल हैं। यह टीम भोपाल से ही हाई प्रोफाइल मामले की जांच करेगी। - मुख्यमंत्री की गृहमंत्री से आधा घंटे बात
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार देर शाम गृहमंत्री बाला बच्चन को बुलाकर करीब आधे घंटे तक बात की। इसे ब्लैकमेलिंग व हनी ट्रैप केस से जोड़कर देखा जा रहा है। - दिग्विजय ने खारिज की सीबीआई जांच की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा की सीबीआई जांच की मांग को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि श्वेता जैन के भाजपा नेताओं के संबंध में मैंने जो कहा, उस पर अभी भी कायम हूं। दिग्विजय ने हनी ट्रैप मामले को तत्कालीन भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार का नतीजा बताया।
2011 में एमपी नगर होटल से पकड़ी गई सिमरन की फाइल खुलेगी : राज्य सरकार हनी ट्रेप स्कैंडल की जांच के साथ ही पुराने हाई प्रोफाइल मामलों की जांच करने जा रही है। पुलिस ने एमपी नगर के पॉश होटल में दिल्ली की हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल्स को पकड़ा था, जिसके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल में दो पूर्व मंत्री और एक पुलिस अफसर के नाम आए थे।
हनीट्रेप में पकड़ाई आरोपी श्वेता जैन के साथ भोपाल में 9 साल पहले पकड़ाई हाई प्रोफाइल कॉलगर्ल्स के साथ दोस्ती होने की जानकारी मिली है। इसके बाद सरकार इस पुराने मामले की पड़ताल करने जा रही है। एमपी नगर पुलिस ने होटल रेसीडेंसी में दिल्ली की कॉलगर्ल को पकड़ा था। यह कॉलगर्ल राजिंदर कौर उर्फ सिमरन दिल्ली के एक रेस्टोरेंट में मैनेजर थी। पुलिस ने अपराध क्रमांक 18/2011 दर्ज किया था। पूछताछ में दो कद्दावर मंत्री के नाम सामने आने से सियासी हलचल बढ़ गई थी। युवती के मोबाइल की कॉल डिटेल(मोबाइल नंबर######4181) में दोनों पूर्व मंत्रियों से लंबी बातचीत मिली थी। एक सीएसपी स्तर के पुलिस अफसर और कॉलगर्ल में रोजाना बातें हुई थी। ये अफसर एक वर्तमान मंत्री के स्टॉफ में कार्यरत है।
मानव तस्करी का केस दर्ज : इंदौर पुलिस ने नौकरी का झांसा देकर बीएससी छात्रा को बरगलाने और अनैतिक कृत्य करवाने के मामले में ब्लैकमेलिंग गैंग की आरती, दोनों श्वेता, बरखा, अभिषेक और ड्राइवर पर मानव तस्करी का केस दर्ज कर लिया। पुलिस ने छात्रा के पिता की शिकायत पर यह कार्रवाई की। केस भोपाल ट्रांसफर किया गया है। एसएसपी ने बताया कि गैंग के साथ पकड़ाई छात्रा को सोमवार रात जब पुलिस उसे गांव ले गई तो खुलासा हुआ कि गैंग ने उसे जाल में फंसाया है। छात्रा के गांव में लोगों में काफी आक्रोश था, इसलिए सरपंच व उसके पिता को गांव से बाहर बुलाकर बात की। पिता ने बेटी को ले जाने का पूरा घटनाक्रम बताया। इसके बाद इन सभी पर धारा 370, 371 (ए) और 120 बी के तहत केस दर्ज हुआ है।
गैसऑफ ब्लैकमेलर्स की इनसाइड स्टोरी : गांव से शहर आने वाली जरूरतमंद लड़कियों को नौकरी और पैसों का लालच देकर गिरोह में करते थे शामिल
श्वेता स्वप्निल जैन व श्वेता विजय जैन ने आरती दयाल को नई लड़कियों को गिरोह में शामिल करने का जिम्मा दिया था। इनके निशाने पर शहरों में पढ़ने आने वाली जरूरतमंद लड़कियां होती थीं। आरती ही मोनिका को इवेंट कंपनी में नौकरी दिलाने की बात कहकर अपने साथ भोपाल लाई थी। मोनिका की तरह चार-पांच और लड़कियां भी आरती के संपर्क में थीं। आरती ने इनका भी इस्तेमाल किया था।
वर्कआॅर्डर, भुगतानों की जांच : एसआईटी जांच का फोकस अब भ्रष्टाचार पर केंद्रित हो गया है। यह पता लगाया जा रहा है राजनेताओं, आईएएस व आईपीएस अफसरों ने युवतियों व उनसे जुड़ीं संस्थाओं को किस-किस तरह फायदा पहुंचाया गया है? उनके कार्यकाल के तमाम वर्कआॅर्डर और भुगतानों की जांच होगी।
इंटेलिजेंस से मिला था इनपुट : इंटेलिजेंस ने सरकार को इनपुट दिए थे कि बड़े पैमाने पर हनीट्रैप के तहत ब्लैकमेलिंग हो रही है। इसी बीच इंदौर में हरभजन की शिकायत सामने आई तो एक बड़े अफसर के कहने पर हरभजन ने एफआईआर दर्ज करवाई। हालांकि इंदौर निगम ने हरभजन को सस्पेंड कर दिया है। यह केस खुलने के बाद जब पड़ताल शुरू हुई तो दूसरे मामले भी सामने आने शुरू हुए।
वरिष्ठ आईपीएस अफसर को फटकार : इस मामले में एक वरिष्ठ आईपीएस अफसर की संलिप्तता की जानकारी सामने आने के बाद मंगलवार सुबह सरकार ने अफसर को तलब कर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
कितने शिकार, पुलिस को भी नहीं पता : हनी ट्रैप की गिरफ्त में कितने अफसर हैंै, यह अभी जांच एजेंसी को भी नहीं पता है। वीडियो फुटेज के आधार पर इनकी पहचान की कोशिश चल रही है। नए-नए चेहरों के खुलासों का सिलसिला जारी है।
छत्तीसगढ़ तक पहुंची जांच : इंदौर-भोपाल से शुरू हुआ हनीट्रैप के शिकार का सिलसिला छत्तीसगढ़ तक पहुंच गया है। इसी गिरोह की महिलाओं ने छत्तीसगढ़ के दो पूर्व मंत्रियों और 3 अफसरों को भी अपने जाल में फंसाया है।
सुबह वर्मा ने काम शुरू किया, दोपहर में हटे : मंगलवार सुबह एसआईटी के प्रमुख के तौर पर डी. श्रीनिवास वर्मा ने काम शुरू कर दिया था। दोपहर तक केस से जुड़ीं फाइलें भी देखी। दोपहर में उन्हें खबर दी गई कि अब शमी एसआईटी के प्रमुख होंगे।
स्वप्निल जैन को पूर्व सीएस की सिफारिश पर मिली थी अरेरा क्लब की सदस्यता : रिवेयरा टाउन निवासी श्वेता के पति स्वप्निल जैन को 2008 में पूर्व मुख्य सचिव की सिफारिश पर शहर के प्रतिष्ठित अरेरा क्लब की सदस्यता मिली थई। स्वप्निल कई दिनों तक क्लब के गेस्ट हाउस में ही रहा था।